Thursday, May 26, 2016

कानों में Hearing Problem की वजह

Deafness

बहरापन अब बुढ़ापें की problem नही रहा है। चारो ओर शोर और headphone, cellphone व् blue tooth आदि से बढ़ती हमारी दोस्ती किशोरों व् युवाओं की सुनने की क्षमता को serious रूप से effect करने लगी है।

WHO की एक report के अनुसार पुरे world में लगभग 1.1 अरब किशोर और युवा earphone, smart phone आदि के असुरक्षित इस्तेमाल के कारण अपने सुनने की क्षमता खोने की कगार पर हैं। इसमे हमारी बाकी lifestyle भी इजाफा कर रही हैं। वातावरण में शोर के ऊँचे स्तर के कारण एक अवधि के बाद सुनने की क्षमता कम होने के मामले तेजी से बढ़ रहे है। तेज आवाज में गाने सुनना, TV देखना, blue tooth पर बात करना,horn और loudspeaker की तेज आवाज आदि इसके लिए जिम्मेदार है। लगातार 80 से 90 decibel से ज्यादा शोर सुनना कान की नाजुक कोशिकाओं व् कान के अन्य हिस्सों को क्षति पहुंचा सकता है।

जब हम कोई तेज आवाज सुनते है तो कान के भीतर की एक मांसपेशी सिकुड़ जाती है, ताकि कान को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। पर, लगातार तेज आवाज सुनने के कारण कान की यह मांसपेशी अपने काम करने की क्षमता खो देती है। स्थिति और गंभीर तब हो जाती है, जब कान का अंदरूनी हिस्सा भी लगातार तेज शोर के कारण ख़राब होने लगता है। अगर कोई व्यक्ति 90 decibel से ज्यादा आवाज हर दिन आठ घंटे या उससे ज्यादा वक्त के लिए सुनता है तो कम उम्र में ही उसकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती हैं।

संगीत न छीन ले सुनने की क्षमता

blast या फिर किसी accident में सुनने की क्षमता खोने वालों की तुलना में headphone के कारण कान के सेहत बिगड़ने का परिणाम ज्यादा serious होता है। इस तरह का बहरापन धीरे-धीरे पनपता है और ज्यादा serious होता है। कान पहले हमें संकेत देता है। सुनने की क्षमता खत्म होने से पहले आपको कान में हमेशा घंटी बजने की आवाज सुनाई दे सकती है। साथ ही किसी बेहद शोर वाले माहौल से बाहर निकलने के बाद आपको तुरंत कुछ सुनाई भी नही देगा। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा शोर वाले माहौल से तुरंत बिलकुल शांत माहौल में जाना कान के सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदेह है। music player के आधे volume पर गाना सुनना कानों के लिए secure है। हालाँकि सब इस पर depend करता है कि आप कितनी देर तक और कितने volume पर गाना सुनते है। ऐसे earphone, जिन्हें हम अपने कान में डालकर इस्तेमाल करते है, volume को पांच से छ गुना बढ़ा देते है और ज्यादा नुकसानदायक होते है। गाना सुनने के लिए इन-इयर headphone को इस्तेमाल में लायें। इस तरह का headphone इस्तेमाल करने वाले लोग अमूनन कम volume पर गाना सुनते है। headphone खरीदते वक्त तेज आवाज की जगह अच्छी गुणवत्ता को प्राथमिकता दें। लगातार संगीत सुनने से बचें। कान में कुछ असहज लगे, तो ENT specialist के पास जाएँ। शुरुआत में medicine की मदद से स्थिति control की जा सकती है।

Cellphone भी कर सकता हैं सुनने की क्षमता कम

cellphone का लम्बे समय तक इस्तेमाल hormones असंतुलन और cancer आदि के अलावा सुनने के क्षमता को भी effect करता है। नये-नये feature के आने के कारण पिछले एक दशक में cellphone का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। cellphone का इस्तेमाल करने वालों में बहरेपन की complain 50% बढ़ गई है। कई लोग cellphone के ज्यादा इस्तेमाल के कारण कान में दर्द और कम सुनने की complain लेकर आते है। सबसे ज्यादा complain के पास यह आती है कि phone पर बात खत्म करने के बाद उनका कान गर्म हो जाता है।

क्या करते है Survey

all India institute of speech and hearing audiology department द्वारा मैसूर में तीन हजार युवाओ पर किये गये एक study में पाया गया है कि 66% युवा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने से उनमे बहरेपन की आशंका बढ़ गई है।

ये है खतरे की घंटिया

1-  जब phone पर बात करने हो परेशानी

2-  ज्यादा लोगो के बीच बातचीत सुनने में परेशानी

3-  फॅमिली के लोग complain करने लगे कि आप तेज आवाज पर TV देख रहे है

4-  शोर शराबे के बीच बातचीत करने में परेशानी

5-  बातचीत के दौरान आप ‘क्या’ शब्द का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते है।

6-  आपको कान में हमेशा भुनभुनाहट-सी आवाज आती है।

7-  आपको लगता है कि सामने वाला स्पष्ट नही बोल रहा है।


8-  आप अपने आसपास वालो से चिढ़े रहते है क्योकि आप उनकी बात समझ नही पाते। 







  

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