Tuesday, February 17, 2015

Body Language से interview में लाभ


हर कोई जानता है कि इंटरव्यू के लिए अच्छे से सजना-धजना चाहिए। लेकिन इंटरव्यू में आपका हाव-भाव आपको कहीं आगे ले जा सकता है और यह बात ख़ासी महत्वपूर्ण है।
interview में आप अपने को कैसे carryकरते हैं, इस बारे में जानकारी न तो स्पष्ट है और न पर्याप्त। दरवाजे से अंदर दाखिल होते ही आप अपनी पर्सनैलिटी के बारे में क्या कुछ बिना कहे बता देते हैं और किस तरह से हाथ मिलाते हैं या बैठते हैं, आपकी interview  को प्रभावित करेगा।
interview  में body language (हाव-भाव) के महत्व पर तीन विशेषज्ञों ने अनुभव साझा किए जिनसे जानकारी मिलती है कि क्या करें और क्या करने से बचें।

interview में क्या करें

पहला क़दम


इंटरव्यू लेने वाले और इंटरव्यू देने वाले के बीच अमूमन पहला संपर्क हाथ मिलाने से होता है।  body language  विशेषज्ञ डेविड अलसेमा कहते हैं, “आपका पहला प्रभाव ही अक्सर इस बात का निर्णय करता है कि interview  कैसा रहेगा. सब कुछ ठीक हो इसके लिए ज़रूरी है कि शुरुआत ठीक रहे।"
अलसेमा का सुझाव है, “समानता के कारण घनिष्ठता बढ़ती है। इसलिए हाथ उसी तरह मिलाइए जिस तरह से interview  लेने वाला आपसे मिलाता है। जब आप किसी अभिवादन का जवाब उतनी ही ताक़त से देते हैं तो आप बराबरी का संदेश देते हैं। ज़्यादा ज़ोर से हाथ मिलाना interview में हावी होने का संकेत दे सकता है।

अंतरंगता

 

हम चाहे किसी भी संस्कृति में पले-बढ़ें हों, लेकिन हम अपने आसपास की कम से कम चार परिस्थितियों से अवगत होते हैं।  लोगों के बीच जो भी महत्वपूर्ण घटित होता है वह निजी और अंतरंग स्पेस में होता है। चूंकि interview के दौरान अंतरंग स्पेस तक पहुंच से बाहर होती है, इसलिए interview  लेने वाले को अपने पक्ष में करने के लिए उसके निजी स्पेस तक पहुंच बनाना ज़रूरी है।"

आगे क़दम बढ़ाइए

हाथ मिलाना हम लोगों को उस निजी स्पेस तक ले जाता है, जहाँ हम पहुँचना चाहते हैं। मॉर्गन कहते हैं, "इंटरव्यू में बैठने की जगह को इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि interview  लेने वालों के लिए हम तक पहुंचना तो आसान होता है, पर हमारे लिए उन पर अपना प्रभाव छोडना मुश्किल होता है।"

उदाहरण के लिए, आप अपनी कुर्सी को थोड़ा खिसका सकते हैं या फिर गोल टेबल के एक ही साइड में बैठ सकते हैं। एक बार जब आप बैठ जाते हैं, तो दूरी खत्म करने के अन्य रास्तों की तलाश कीजिए। उदाहरण के लिए आगे की ओर झुक जाइए, पर बहुत ज्यादा नहीं। मॉर्गन कहते हैं, "इसे बहुत ही चतुराई और सफ़ाई के साथ कीजिए और जल्दबाज़ी या बेतरतीब तरीके से नहीं। ये प्रयास बेकार नहीं जाएंगे।" मॉर्गन कहते हैं, "जब हम अपने बीच की दूरी कम करते हैं तो थोड़ी मात्रा में ही सही हम, लोगों के साथ अपना विश्वास और जुड़ाव बढ़ाते हैं।"

संवाद के लिए तैयार रहें

मॉर्गन कहते हैं, "यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने body language को ‘openरखें। आप को थोड़ी घबराहट हो सकती है और हो सकता है कि आप अनायास ही अपने हाथों को ज़ोर से पकड़कर या बांहों को आपस में बांधकर बैठ जाएँ।"उन्होंने कहा, "इससे आप तो सुरक्षित महसूस कर सकते हैं, पर यह आपको वहां बैठे अन्य लोगों से दूर करता है या आप उनसे कटे हुए दिख सकते हैं।" इसके अलावा, अपनी बांहों को बांधकर रखना ये दिखाता है कि जो चल रहा है, आपको उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है और यह आगे झुकने में भी आड़े आता है।

सारा खेल आंखों का

 

जवाब देते समय interview लेने वाले की आंख में देखना महत्वपूर्ण है। लेकिन ऐसा ज़रूरत से थोड़ा भी कम या थोड़ा भी ज़्यादा करना किसी अन्य तरह के व्यवहार का संकेत देता है। तो फिर एकदम ठीक क्या है? तो इसकी जगह आपको इस बात का अंदाज़ा इससे लगाएँ कि interview लेने वाला आपकी आंखों में कितना देखता है।अगर interview लेने वालों का पैनल है तो हर व्यक्ति को उचित समय देना और सही समय तक उसकी आंखों में देखना जरूरी है।
हर व्यक्ति को interview में उनकी आंखों में देखकर व्यक्तिगत रूप से जवाब दीजिए। अगर आप दांए-बांए देखते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि आप बोर हो गए हैं। इसलिए अगर संभव है तो ऐसा मत कीजिए।

जॉर्जिया स्थित body language विशेषज्ञ और लेखक पैट्टी वुड कहती हैं कि कुछ लोग अच्छी तरह आंखों में देखने का मतलब यह लगाते हैं कि नज़रें हटाना ही नहीं है, लेकिन यह भी गलत है।
उन्होंने कहा, "बोलते हुए बीच-बीच में नज़र हटा लेना सामान्य बात है, क्योंकि ऐसा करते हुए आप अपनी याददाश्त पर ज़ोर डालकर अपने दिमाग़ में मौजूद सूचनाओं तक पहुँचने का प्रयास कर रहे होते हैं। पर जब interview लेने वाला व्यक्ति बोल रहा हो, उस समय अपनी नज़र को भटकने मत दीजिए।" वुड कहती हैं, "answer देने के बाद interview लेने वाले की आंखों में देखने और उसकी बात को सुनना मत भूलिए। आंखों में देखने का मतलब यह होता है कि आप serious हैं और दिलचस्पी ले रहे हैं।"

गहरी सांस लेना न भूलें

interview के दौरान घबराहट होने पर कुछ व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से छोटे-छोटे सांस भरना शुरू कर देते हैं। यह स्थिति सब बेकार कर सकती है. वुड कहती हैं, "जब आप जल्दी-जल्दी से छोटी-छोटी सांसें लेते हैं, तो आप स्पष्ट रूप से सोचने की क्षमता खो देते हैं। इससे आपको question का त्वरित और बेहतर जवाब देने में मुश्किल पेश आएगी." उन्होंने कहा, "इसके बदले में आप लंबे सांस भरें जो पेट के निचले हिस्से से हो। स्पष्ट रूप से सोचने में यह आपकी मदद करेगा, आपको स्फूर्ति देगा और आत्मविश्वास पैदा करेगा।"

 


 

 

 







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